
नई दिल्ली. Bharat Parv in Delhi: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित भारत पर्व-2025 में राजस्थान की रंग-बिरंगी कला और संस्कृति ने पूरे मंच पर अपनी छाप छोड़ी। राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल पर हमेशा दर्शकों की भीड़ देखी जा रही है, जो हर क्षण यहां की समृद्ध संस्कृति का हिस्सा बनना चाहते हैं।
राजस्थान की झांकी: एक ऐतिहासिक कृति
भारत पर्व में राजस्थान की जो झांकी प्रदर्शित की गई है, वह अपने आप में एक अद्भुत उदाहरण है। झांकी के अग्रभाग में राजस्थान के पारंपरिक पर्व तीज की सवारी के दृश्य को जीवंत रूप में दर्शाया गया है, जो देखने वालों को राजस्थान की समृद्ध संस्कृति की एक झलक देती है। वहीं, झांकी के पिछले हिस्से में शेखावाटी की प्राचीन हवेलियों की बेमिसाल धरोहर को प्रमुख रूप से चित्रित किया गया है। इस झांकी में पुराने भित्ति चित्रों और म्यूरल डिजाइनों की भी झलक दिखाई देती है, जो राजस्थान की कला के शिल्प को दर्शाती है। इसके अलावा, झांकी में राजस्थान सरकार द्वारा जल संरक्षण और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों की भी प्रस्तुति दी गई है।
लोकनृत्य पर झूमे दिल्लीवासी
राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा भारत पर्व में राजस्थान के विभिन्न अंचलों से बुलाए गए लोक कलाकारों ने दिल्लीवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने राजस्थान के पारंपरिक नृत्य जैसे कालबेलिया, चकरी और गैर नृत्य पर जमकर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इनका स्वागत किया। इस उत्सव में जयपुर से आए कठपुतली कलाकारों ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया, और उनकी कठपुतली नृत्य की कला ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
भारतीय कला केंद्र की नृत्य छात्राओं ने दी सशक्त प्रस्तुति
भारत पर्व के दौरान राजस्थान के लोक नृत्यों की विशेष प्रस्तुति देखने को मिली। भारतीय कला केंद्र की नृत्य छात्राओं ने कालबेलिया और अन्य पारंपरिक नृत्यों पर कलाकारों के साथ मिलकर नृत्य प्रस्तुत किया। दर्शकों ने इस अद्भुत प्रदर्शन का तहे दिल से स्वागत किया और करतल ध्वनि से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। भारतीय कला केंद्र की छात्रा सुश्री सुकृति अग्रवाल ने कहा, “गणतंत्र दिवस परेड में राजस्थान की झांकी न दिखने का खेद था, लेकिन भारत पर्व में यह झांकी देखकर बहुत खुशी हुई।”
बीकानेर के कंवर लाल चैहान की 7 फुट लंबी मूंछों ने मचाया धमाल
भारत पर्व में बीकानेर से आए कंवर लाल चैहान अपनी 7 फुट लंबी मूंछों के साथ मुख्य आकर्षण का केंद्र बने रहे। उनके साथ सेल्फी लेने के लिए एक बड़ी भीड़ लगी रही। कंवर लाल ने बताया कि वह पिछले 13 वर्षों से इन मूंछों का विशेष ध्यान रख रहे हैं, और इस अनोखी विशेषता के लिए उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं, जिनमें मिस्टर डीग, मिस्टर बीकाना और मिस्टर बूंदी के पुरस्कार शामिल हैं।
राजस्थान की कला और संस्कृति की झलक, भारत पर्व में अब तक की सबसे बड़ी प्रदर्शनी
भारत पर्व-2025 में राजस्थान की कला, संस्कृति, और पारंपरिक भोजन का जो रंग-रूप देखने को मिला, वह इस बार के पर्व को एक नई पहचान दे गया। राजस्थान के लोक कलाकारों और उनकी अद्भुत कला ने दिल्लीवासियों के दिलों में एक खास जगह बनाई, और यह पर्व राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन अवसर साबित हुआ।
