
Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण ने संकट की सीमा पार कर दी है, और हवा में जहर घुलने से आम जनजीवन पर गंभीर असर पड़ा है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस विकट स्थिति पर केंद्र और दिल्ली सरकारों की कड़ी आलोचना की और तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने साफ कहा कि दिल्ली-एनसीआर में GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत सभी आवश्यक प्रतिबंध लागू करने के लिए राज्य सरकारों को त्वरित कार्रवाई करनी होगी, और ये प्रतिबंध तब तक लागू रहेंगे जब तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 से नीचे नहीं आ जाता।
दिल्ली में AQI 500 के पार
दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता “सर्वाधिक खतरनाक” स्तर पर पहुंच गई है। मंगलवार सुबह तक कई स्थानों पर AQI 500 के पार चला गया, जो “vere plus” श्रेणी में आता है।
राजधानी में AQI स्तर को लेकर स्थिति बेहद गंभीर है:
- अलीपुर: 500
- आनंद विहार: 500
- अशोक विहार: 500
- पंजाबी बाग: 500
- पूसा: 500
- रोहिणी: 501
- द्वारका: 496
- जहांगीरपुरी: 500
- शादिपुर: 498
- वजीरपुर: 500
- लोधी रोड: 498
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: स्कूलों को किया बंद, ऑनलाइन कक्षाएं शुरू
सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश दिया कि दिल्ली, गुड़गांव और फरीदाबाद के सभी स्कूलों को कक्षा 12 तक बंद किया जाए और ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की जाएं। दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने 23 नवंबर तक अपनी कक्षाओं को ऑनलाइन करने का फैसला लिया है।
स्वास्थ्य संकट बढ़ा: दिल्ली सरकार ने घोषित किया “चिकित्सा आपातकाल”
दिल्ली सरकार ने स्थिति को “चिकित्सा आपातकाल” घोषित कर दिया है और सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में सभी संस्थानों से एहतियाती कदम उठाने की अपील की है। हवा में घुली धुंध और पराली जलाने के कारण प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, जिससे स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है।
IMD का अलर्ट: घना कोहरा और कमजोर दृश्यता
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने घने कोहरे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे दृश्यता और भी अधिक प्रभावित हो रही है। घना कोहरा और खतरनाक प्रदूषण के कारण हवाई सेवाओं में भारी रुकावटें आई हैं, और विमानों की उड़ानें देर से चल रही हैं।
“गैस चैंबर” बन चुकी दिल्ली
दिल्ली के निवासी शहर को अब “गैस चैंबर” से भी बदतर मान रहे हैं। कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों के बावजूद, दिल्ली में हवा में जहर घुलने की स्थिति इतनी विकट हो गई है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। इस भयंकर स्थिति ने दिल्लीवासियों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है, और सभी को इस चुनौतीपूर्ण वायुमंडलीय संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता महसूस हो रही है।
