नई दिल्ली. Delhi Air Pollution: भारत में मौसम का मिजाज इस समय कुछ खास ही है। एक ओर जहां दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हो रहा, वहीं दूसरी ओर कश्मीर में ताजा बर्फबारी ने पर्यटकों को आकर्षित किया है। महाराष्ट्र में ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है, और आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु तथा पुडुचेरी में चक्रवाती तूफान फेंगल की दस्तक ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा अपडेट्स के मुताबिक, भारत के कई हिस्सों में मौसम के बदलाव ने चिंता बढ़ा दी है।
दिल्ली की हवा: ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रहेगी
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार की कोई संभावना नहीं है। शनिवार शाम को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को 346 तक दर्ज किया, जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) के मुताबिक, दिल्ली का AQI अगले तीन दिनों तक इसी श्रेणी में बना रह सकता है। इस दौरान, वाहनों से होने वाला उत्सर्जन, खासकर दोपहर में, अधिक हानिकारक साबित हो सकता है।
दिल्ली के लिए यह एक गंभीर स्थिति है, क्योंकि खराब वायु गुणवत्ता से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे कि सांस की बीमारियां, अस्थमा और दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। खासकर बच्चों, वृद्धों और पहले से किसी बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए यह बेहद खतरनाक हो सकता है।
कश्मीर में ताजा बर्फबारी: पर्यटन स्थलों पर बर्फ की चादर
कश्मीर में शनिवार को ताजा बर्फबारी शुरू हो गई। घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों, जैसे कि गुलमर्ग और सोनमर्ग, में बर्फबारी के कारण पर्यटकों की भीड़ बढ़ गई है। अनंतनाग जिले के पहलगाम में इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी दिनों में कश्मीर में हल्की बारिश और बर्फबारी जारी रहने की संभावना है। विशेष रूप से, गुरेज और जोझिला अक्ष जैसे ऊंचे स्थानों पर अधिक बर्फबारी हो सकती है।
महाराष्ट्र में ठंड बढ़ी: न्यूनतम तापमान में गिरावट
महाराष्ट्र के कई हिस्सों में तापमान गिरने के कारण सर्दी का असर बढ़ गया है। नासिक में न्यूनतम तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। वहीं, बीड और जेउर (सोलापुर) में तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस और अहिल्यानगर में 10.7 डिग्री सेल्सियस रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि इस ठंड का कारण चक्रवात फेंगल है, जिसने मौसम में नमी बढ़ा दी है और तापमान में मामूली वृद्धि की संभावना जताई गई है।
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी में तूफान ‘फेंगल’
चक्रवाती तूफान ‘फेंगल’ ने पुडुचेरी के निकट दस्तक दे दी है। IMD के मुताबिक, तूफान पुडुचेरी और तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों से होकर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में बढ़ सकता है। तूफान के चलते इन इलाकों में तेज हवाएं और मूसलधार बारिश की संभावना जताई गई है। पुडुचेरी में हवाओं की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है, और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने की सलाह दी है। चक्रवात के प्रभाव से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भारी बारिश और तूफानी हवाओं की संभावना है, जिससे जानमाल की क्षति का खतरा बना हुआ है।
वायु प्रदूषण के प्रमुख कारण
वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जो कई कारणों से उत्पन्न होती है। दिल्ली जैसे बड़े शहरों में प्रदूषण का प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- वाहनों का उत्सर्जन: बड़े शहरों में बढ़ती वाहन संख्या के कारण, ध्वनि और वायु प्रदूषण दोनों में वृद्धि हो रही है। पेट्रोल और डीजल के वाहन कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड, और पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) का उत्सर्जन करते हैं, जो प्रदूषण को बढ़ाते हैं।
- बाग-बगानों में जलाने की परंपरा: किसानों द्वारा पराली जलाने की प्रक्रिया वायु में खतरनाक गैसों और धुएं का उत्सर्जन करती है, जिससे प्रदूषण और बढ़ जाता है। खासकर हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है।
- निर्माण कार्य और कंस्ट्रक्शन डस्ट: बड़े निर्माण कार्यों के दौरान उड़ी धूल भी हवा में घुलकर प्रदूषण में योगदान करती है।
- औद्योगिक उत्सर्जन: उद्योगों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे गैस और रसायन वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण हैं। खासकर, कोयला आधारित बिजलीघरों से निकलने वाली हानिकारक गैसें वायु को प्रदूषित करती हैं।
- जलवायु परिवर्तन और मौसम की स्थिति: हवा की गति कम होने पर प्रदूषित कण वायुमंडल में जमे रहते हैं, जिससे स्थिर मौसम के दौरान प्रदूषण अधिक बढ़ता है। दिल्ली जैसी जगहों पर, जहां हवाओं की गति कम होती है, प्रदूषण अधिक रहता है।
- कचरा जलाना और कृषि अपशिष्ट: शहरी इलाकों में कचरा जलाने और कृषि अपशिष्टों को जलाने की प्रथा वायु में कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य खतरनाक गैसों का उत्सर्जन करती है।
