
नई दिल्ली. Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी प्रमुख घोषणा करते हुए कांग्रेस पार्टी ने 12 जनवरी को एक अहम कदम उठाया। पार्टी ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती है, तो दिल्ली के हर शिक्षित बेरोजगार युवा को ‘युवा उड़ान योजना’ के तहत एक साल तक हर महीने 8,500 रुपये प्रदान करेगी। यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं के लिए होगी जो नौकरी की तलाश में हैं लेकिन कोई अवसर नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस घोषणा को लेकर कहा, “दिल्ली के लोग 5 फरवरी को नई सरकार चुनने जा रहे हैं। हमारी पार्टी युवाओं के लिए एक बड़ी गारंटी लेकर आई है। हम उन्हें सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं देंगे, बल्कि उनके शिक्षा और कौशल के अनुसार उन्हें सही उद्योगों में प्रशिक्षित करने का भी प्रयास करेंगे।”
दिल्ली चुनाव 2025: एक नई दिशा में कांग्रेस का वचन
इस योजना का उद्देश्य न केवल बेरोजगारी की समस्या को कम करना है, बल्कि युवाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना और उन्हें रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है। कांग्रेस का यह कदम आगामी चुनावों में युवा वोटरों को आकर्षित करने का एक बड़ा प्रयास है, जिससे पार्टी दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी के रूप में अपनी पहचान बना सके।
कांग्रेस की नई रणनीति: पूर्वांचली मतदाताओं के लिए भी विशेष घोषणा
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में पूर्वांचली मतदाताओं को भी ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण वादा किया है। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने दिल्ली में यमुना नदी के किनारे “शारदा सिन्हा घाट” का निर्माण करने की योजना का ऐलान किया। इस घाट का नाम सम्मानित बिहारी लोक गायिका शारदा सिन्हा के नाम पर रखा जाएगा। यह कदम कांग्रेस का पूर्वांचली समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक विचारों को महत्व देने का एक स्पष्ट संकेत है, ताकि पार्टी इस महत्वपूर्ण मतदाता वर्ग को अपनी ओर खींच सके।
क्या होगा दिल्ली चुनाव का परिणाम?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की यह रणनीति महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, खासकर जब हम पिछले चुनावों के परिणामों पर नजर डालें। 2015 और 2020 के चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने शानदार जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली थी। लेकिन अब कांग्रेस ने अपनी रणनीति को बदलते हुए बेरोजगारी और समाजिक विकास के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है।
5 फरवरी 2025 को दिल्ली में क्या होगा?
दिल्ली के मतदाता अब यह तय करेंगे कि क्या कांग्रेस की ये घोषणाएँ उन्हें आकर्षित कर पाती हैं और क्या पार्टी सत्ता की ओर बढ़ने में सफल हो पाएगी। 8 फरवरी को वोटों की गिनती के बाद दिल्ली की राजनीति का नया अध्याय लिखा जाएगा।
