
नई दिल्ली. Delhi’s poisonous air: दिल्ली में सर्दियों का मौसम हर साल वायु प्रदूषण के लिहाज से और भी गंभीर होता जा रहा है। इस बार की स्थिति और भी चिंता बढ़ाने वाली है। 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 429 तक पहुँच गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। यह पीएम 2.5 के खतरनाक स्तर के कारण हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।
दिल्ली के 36 निगरानी केंद्रों में से 14 पर AQI 450 से अधिक दर्ज किया गया, जबकि अन्य केंद्रों पर यह 401 से 450 के बीच था। हालांकि, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 26 दिसंबर तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जिससे प्रदूषण में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। आज राजधानी का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से थोड़ा अधिक था। दिन की शुरुआत ठंडी और धुंध भरी सुबह से हुई और पूरे दिन आर्द्रता का स्तर 95 से 71 प्रतिशत के बीच बना रहा।
कश्मीर में कड़ाके की सर्दी: डल झील जम गई, तापमान शून्य से नीचे
कश्मीर में ‘चिल्लई-कलां’ से पहले ही कड़ाके की ठंड ने अपना असर दिखा दिया है। श्रीनगर में इस मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जहां तापमान शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। ऐसे में डल झील और अन्य जलाशय जम गए हैं। सर्दी के कारण कई जगहों पर जलापूर्ति लाइनों का पानी भी बर्फ में बदल चुका है, जिससे स्थानीय लोग समस्याओं का सामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने कहा कि पहलगाम में तापमान शून्य से 8.2 डिग्री सेल्सियस और गुलमर्ग में 6 डिग्री सेल्सियस नीचे गया।
कश्मीर में मौसम अभी शुष्क रहेगा, लेकिन 21 और 22 दिसंबर की रात को घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी हो सकती है। 27 और 28 दिसंबर के बीच कुछ ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है।
चिल्लई-कलां: कश्मीर में सर्दियों का सबसे कठोर दौर
कश्मीर में सर्दी का सबसे कठिन दौर “चिल्लई-कलां” शनिवार से शुरू हो रहा है। यह 40 दिन तक चलेगा, जिसमें बर्फबारी और तापमान में भारी गिरावट का अनुमान है। इसके बाद “चिल्लई-खुर्द” और “चिल्लई-बच्चा” के दौर आएंगे, जो शीत लहर के असर को बनाए रखेंगे।
राजस्थान में बारिश की संभावना, ठंडी हवाओं का असर
राजस्थान में सर्दी का मौसम जारी है, लेकिन एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले सप्ताह बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने बताया कि 25 दिसंबर को दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में और 26 से 27 दिसंबर के बीच जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर, बीकानेर और भरतपुर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस बीच, राज्य में सर्दी और शीतलहर का असर लगातार बना रहेगा। जयपुर और अन्य इलाकों में सर्द हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। फतेहपुर (सीकर) में 5 डिग्री सेल्सियस तक तापमान गिर गया, जो कि राज्य के सबसे ठंडे इलाके में से एक है।
इन दिनों में रहा दिल्ली में एक्यूआई का खतरनाक स्तर
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई बार खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है, खासकर सर्दी के मौसम में जब प्रदूषण अधिक बढ़ता है। यह स्थिति विशेष रूप से तब होती है जब हवा की गति कम होती है और वातावरण में धुंआ और अन्य प्रदूषण कण जमा हो जाते हैं। यहां दिल्ली के कुछ प्रमुख खतरनाक AQI स्तरों की जानकारी दी जा रही है:
1. नवंबर 2016: दिल्ली में 2016 के नवंबर में AQI खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। इस दौरान AQI 999 तक दर्ज किया गया था, जो “गंभीर” श्रेणी से भी परे था। उस समय प्रदूषण इतना अधिक था कि लोगों को घर से बाहर जाने में दिक्कत हो रही थी और अस्पतालों में सांस की बीमारियों से जुड़ी शिकायतें बढ़ गई थीं।
2. नवंबर 2019: नवंबर 2019 में दिल्ली के कई हिस्सों में AQI 500 तक पहुंच गया था, जिसे “अति गंभीर” श्रेणी में रखा गया। इस दौरान हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो गई थी कि सरकार को स्कूलों को बंद करने, निर्माण कार्यों को रोकने और अन्य एहतियाती कदम उठाने की आवश्यकता पड़ी।
3. नवंबर 2020: नवंबर 2020 में भी AQI ने AQI 450 का आंकड़ा पार किया। यह स्थिति दिल्ली में दीपावली के बाद और खेतों में पराली जलाए जाने के कारण उत्पन्न हुई थी। उस समय शहर में धुंआ और प्रदूषण की परत बहुत मोटी हो गई थी। कई इलाकों में दृश्यता कम हो गई और लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी।
4. नवंबर 2021: नवंबर 2021 में भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचा। AQI 400 से अधिक दर्ज किया गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इस दौरान प्रदूषण में भारी वृद्धि हुई और राजधानी में स्मॉग की स्थिति ने लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाला।
5. नवंबर 2022: 2022 में भी प्रदूषण ने राजधानी को अपनी चपेट में लिया और AQI 450 तक पहुंच गया। इस समय हवा की गुणवत्ता इतनी खराब थी कि यह स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हो गई थी। प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने सरकार और नागरिकों दोनों को गंभीर चिंता में डाल दिया।
6. नवंबर 2023: नवंबर 2023 में भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब था, और AQI 429 तक पहुंच गया, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इस दौरान, दिल्ली में PM 2.5 कणों की अधिकता ने हवा को और जहरीला बना दिया।
AQI के विभिन्न स्तर
- 0-50 (अच्छा): हवा की गुणवत्ता सामान्य है।
- 51-100 (संतोषजनक): हवा की गुणवत्ता थोड़ी खराब हो सकती है, लेकिन आमतौर पर स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ता।
- 101-200 (मध्यम): कुछ संवेदनशील लोगों को परेशानी हो सकती है।
- 201-300 (खराब): सभी को सांस की समस्याओं का सामना हो सकता है।
- 301-400 (बहुत खराब): सभी को स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है।
- 401-500 (गंभीर): यह स्थिति गंभीर है और सभी को स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है।
प्रदूषण के मुख्य कारण
- पराली जलाना (सर्दी में पड़ोसी राज्यों से)
- वाहन प्रदूषण
- निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल
- औद्योगिक प्रदूषण
- प्राकृतिक कारण (ठंडा मौसम, कम हवा की गति, धुंध आदि)
दिल्ली सरकार और अन्य संबंधित संस्थाएं प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठा रही हैं, लेकिन यह समस्या लगातार बढ़ रही है और इससे बचने के लिए सभी को मिलकर काम करना जरूरी है।
