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Dirty Politics In Rajasthan: राजस्थान विधानसभा के बारह कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शन, सांकेतिक विधानसभा में उठे तीखे सवाल

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Congress MLA
विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते कांग्रेस के विधायक

जयपुर. Dirty Politics In Rajasthan:  राजस्थान विधानसभा में पिछले कुछ दिनों से चल रहे गतिरोध के बीच कांग्रेस ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। सदन के बाहर कांग्रेस ने एक सांकेतिक विधानसभा (मॉक असेंबली) आयोजित की, जिसमें कांग्रेस के विधायक सडक़ पर बैठकर ही सवाल-जवाब करने और हंगामा करने में जुटे रहे। यह प्रदर्शन मुख्यमंत्री और उनकी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के विरोध का नया रूप था, जो विधानसभा में उठे मुद्दों को लेकर गहरे असंतोष को व्यक्त करता है।

घनश्याम मेहर बने स्पीकर, कांग्रेस विधायकों ने उठाए सवाल

सडक़ पर आयोजित इस अस्थायी विधानसभा की अध्यक्षता कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर ने की। जिन्हे स्पीकर के रूप मेें चुना गया। इस मंच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रफीक खान, मनीष यादव, इंदिरा मीणा सहित अन्य विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ तीखे सवाल दागे। इन सवालों में राज्य की आर्थिक नीतियों, बजट प्रावधानों और सरकार की कार्यशैली पर कड़ी आलोचना की गई। कांग्रेस इस विरोध प्रदर्शन में विधायकों ने सरकार की नीतियों को लेकर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की और मुद्दों को गंभीरता से उठाया।

विधानसभा के भीतर और बाहर गतिरोध बरकरार

विधानसभा के भीतर इस समय बजट अभिभाषण पर बहस हो रही थी। जिसमें राजस्थान की वित्त मंत्री दीया कुमारी के जवाब देने की बारी थी, लेकिन इस महत्वपूर्ण दिन कांग्रेस ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया और बाहर सडक़ पर अपनी समानांतर विधानसभा की शुरुआत कर दी। कांग्रेस का आरोप था कि सरकार जानबूझकर सदन की कार्यवाही को प्रभावित कर रही है और विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

विधानसभा में बजट बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का भाषण अभी भी अधर में लटका हुआ है, क्योंकि कांग्रेस विधायक सदन में मौजूद नहीं है। यदि गतिरोध खत्म नहीं होता है तो उनकी बातों को सुनना भी मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा कांग्रेस ने सरकार पर ये आरोप भी लगाए कि वह सदन में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं चाहती, क्योंकि उनका मकसद सिर्फ बहस को टालना और विपक्ष की बातें न सुनना है।

ये है कांग्रेस की प्रमुख मांग

कांग्रेस ने अपनी मांगों में सबसे अहम यह रखी कि मंत्री अविनाश गहलोत की ओर से इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को विधानसभा की कार्यवाही से हटाया जाए और मंत्री माफी मांगे। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस ने यह मुद्दा पहले भी उठाया था, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

अशोक गहलोत ने किया समर्थन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाए कि वह विपक्ष की बातों को अनसुना कर रही है और केवल अपनी जिद पर अड़ी हुई है। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने पहले ही स्पीकर के घर जाकर खेद जताने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सरकार ने फिर भी कोई समझौता करने को नहीं दिखी।

विवाद की जड़: इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी

गौरतलब है कि राजस्थान की विधानसभा में ये विवाद उस समय शुरू हुआ जब २१ फरवरी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी के खिलाफ एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। कांग्रेस ने इस बयान को अपमानजनक बताते हुए विरोध शुरू कर दिया था। सदन में कांग्रेस के विधायक इस मुद्दे को लेकर हंगामा करने लगे और कुछ विधायकों ने स्पीकर की टेबल तक पहुंचकर विरोध जताया। इस विवाद के बाद स्पीकर ने कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित कर दिया। निलंबित विधायकों में गोविंदङ्क्षसह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाहिर हुसैन गैसावत, हाकम अली खान और संजय कुमार शामिल थे।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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