
जयपुर. Educate Rajasthan Campaign: राजस्थान दिवस की साप्ताहिक श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित कोटा कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान’ का भव्य शुभारंभ किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में डिजिटल तकनीक के ज़रिए पारदर्शिता और कार्यक्षमता लाना है। इस अवसर पर एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘शिक्षक एप्प’ में विद्यार्थियों की ऑनलाइन दैनिक उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया की भी शुरुआत की गई।
क्या है ‘शिक्षित राजस्थान अभियान’ का यह नया अध्याय?
‘शिक्षित राजस्थान अभियान’ के तहत अब राज्य के सभी राजकीय विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज की जाएगी। इस डिजिटल प्रक्रिया को ‘शिक्षक एप्प’ के जरिये संचालित किया जाएगा, जो शालादर्पण पोर्टल से सीधे समन्वित रहेगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि यह कदम विद्यार्थियों की उपस्थिति प्रणाली में पारदर्शिता लाएगा और शिक्षकों के प्रशासनिक कार्यों को भी आसान बनाएगा। इससे राज्य, ज़िला और ब्लॉक स्तर के अधिकारी रियल टाइम में उपस्थिति आंकड़ों तक पहुंच बना सकेंगे।
कैसे काम करेगा यह डिजिटल सिस्टम?
शिक्षक एप्प में ‘विद्यार्थी उपस्थिति’ विकल्प जोड़ा गया है। हर कक्षाध्यापक अपनी स्टाफ आईडी से लॉगिन कर, अपनी कक्षा चुनेंगे और केवल अनुपस्थित विद्यार्थियों को चिन्हित करेंगे। उपस्थिति डेटा स्वत: शालादर्पण पोर्टल पर अपलोड हो जाएगा।
- प्रार्थना सभा के दौरान ही उपस्थिति दर्ज की जाएगी, जिससे कक्षा के समय में मोबाइल का उपयोग न हो।
- एप्प में दिखाई दे रही सूची में अगर कोई विद्यार्थी शामिल न हो, तो शिक्षक को प्रपत्र-09 भरना होगा।
किसे क्या जिम्मेदारी?
संस्था प्रधान
- सभी स्टाफ के मोबाइल में एप्प इंस्टॉल करवाना
- प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज हो यह सुनिश्चित करना
- कक्षाध्यापक अनुपस्थित हो तो स्वयं लॉगिन कर उपस्थिति भरना
- कक्षा की उपस्थिति को प्रमाणित करना
कक्षाध्यापक
- यह सुनिश्चित करना कि सभी विद्यार्थी एप्प में प्रदर्शित हो
- प्रार्थना सभा में उपस्थिति दर्ज करना
- शालादर्पण प्रभारी
- प्रथम कालांश में उपस्थिति न भरने वालों की सूचना संस्था प्रधान को देना
- शिक्षक/प्रधानाचार्य अनुपस्थित हो तो उपस्थिति दर्ज करना
क्षेत्रीय अधिकारी
- अपने अधीनस्थ सभी स्कूलों में डिजिटल उपस्थिति की नियमितता सुनिश्चित करना
- निरीक्षण के दौरान उपस्थिति डेटा और समय का मिलान करना
पहले चरण में कहां हुआ पायलट प्रोजेक्ट?
इस डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को पहले स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल (134 विद्यालय) तथा महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम उच्च माध्यमिक विद्यालयों (205 विद्यालय) में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया गया था। पायलट की सफलता के बाद अब इसे राज्य के सभी राजकीय विद्यालयों में लागू कर दिया गया है।
