
जयपुर. “Friends of Rajsakhi” Workshop: राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) ने शुक्रवार को जयपुर स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में “फ्रेंड्स ऑफ राजसखी” सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स वर्कशॉप का आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण वर्कशॉप की अध्यक्षता राजस्थान के ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव और राज्य मिशन निदेशक आशुतोष ए.टी. पेडणेकर ने की। जिन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्य और महत्व को साझा करते हुए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।
सोशल मीडिया का सामूहिक शक्ति के रूप में उपयोग पेडणेकर ने कहा कि “राजसखी” और सोशल मीडिया के सामूहिक प्रयासों से महिला सशक्तिकरण को नई दिशा दी जा सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया के प्रभावशाली प्लेटफार्मों के माध्यम से “राजसखी” और “राजीविका” के कामों को हर गांव तक पहुंचाया जा सकता है, जिससे महिलाओं की आवाज को एक मजबूती मिलेगी और उनके उत्पादों की पहचान बढ़ेगी।
ग्रामीण महिलाओं का योगदान
राजसखी की महिलाओं द्वारा हर साल लगभग 15 हजार करोड़ रुपये के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का निर्माण किया जाता है, और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स इन उत्पादों को व्यापक रूप से प्रचारित करके ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। पेडणेकर ने इन्फ्लुएंसर्स से यह आह्वान किया कि वे अपनी सोशल मीडिया पहुंच का उपयोग करके इन उत्पादों को व्यापक जनसमूह तक पहुंचाने में मदद करें।
इन्फ्लुएंसर्स का सक्रिय योगदान
राज्यभर से लगभग 160 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने इस वर्कशॉप में भाग लिया। इन इन्फ्लुएंसर्स ने राजीविका के प्रचार-प्रसार में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने और राजसखी उत्पादों को सोशल मीडिया पर नियमित रूप से प्रचारित करने का वादा किया। यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करेगी, बल्कि ग्रामीण समुदायों की सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
अन्य महत्वपूर्ण उपस्थितियां
कार्यक्रम में परियोजना निदेशक (प्रशासन) अजय कुमार आर्य, राज्य परियोजना प्रबंधक (प्रशासन) मीना नीरू तुलसीराम और राजीविका सोशल मीडिया टीम प्रभारी नीरू नरूका सहित कई अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस वर्कशॉप ने एक नई उम्मीद और दिशा को जन्म दिया है, जो आने वाले समय में महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
यह वर्कशॉप न केवल एक ज्ञानवर्धक आयोजन था, बल्कि यह सोशल मीडिया के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को अपने उत्पादों और कौशल को साझा करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। इससे एक नया नेटवर्क और सहयोग का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जो ग्रामीण भारत में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
