गाजा सिटी. Gaza ceasefire: हमास के वरिष्ठ नेता मूसा अबू मरज़ौक ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि गाजा पट्टी में संघर्ष विराम समझौते के पहले चरण के लागू होने के बाद युद्ध फिर से शुरू नहीं होगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब गाजा में लंबे समय से चल रही हिंसा और संघर्ष के बाद एक अस्थायी शांति स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अबू मरज़ौक ने स्पष्ट किया कि पहले चरण के समझौते के बाद, फिलिस्तीन और इजरायल के बीच कोई और सैन्य संघर्ष नहीं होगा। उनका कहना था कि ऐसा नहीं होगा क्योंकि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू शांति की ओर कदम बढ़ाने वाले हैं, बल्कि इसके पीछे कारण यह है कि इजरायल के पास अब युद्धबंदी हैं और इजरायली सेना तब तक संघर्ष नहीं करेगी जब तक उनके सैनिकों की रिहाई की कोई गारंटी नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि फिलहाल 60 से अधिक इजरायली सैनिक युद्धबंदी के रूप में फिलिस्तीनी कैद में हैं, और इजरायल को इन सैनिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए अगले चरण की बातचीत पर विचार करना पड़ सकता है।
अबू मरज़ौक ने कहा, “इजरायली सेना तब तक संघर्ष नहीं करेगी जब तक उनके सैनिकों की रिहाई नहीं होती। इस दौरान इजरायल ने महिलाओं, बच्चों और अन्य नागरिकों की रिहाई के लिए संघर्ष किया, लेकिन सैनिकों की रिहाई पर कोई कदम नहीं उठाया।” इसके अलावा, कतर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने बताया कि गाजा में संघर्ष के दोनों पक्षों के बीच बातचीत का दूसरा चरण सोमवार, 03 फरवरी से शुरू होगा। हालांकि, पश्चिमी मीडिया के मुताबिक, इजरायल फिलिस्तीनी आंदोलन हमास के साथ युद्धविराम के दूसरे चरण पर बातचीत करने के लिए कोई प्रतिनिधिमंडल दोहा भेजने का इरादा नहीं रखता है।
गाजा संघर्ष की शुरुआत और विकास
गाजा में इस संघर्ष की जड़ें कई दशकों पुरानी हैं, और यह इजरायल और फिलिस्तीन के बीच एक गहरे राजनीतिक और धार्मिक विवाद से उत्पन्न हुआ है। 1948 में इजरायल के निर्माण के बाद से दोनों देशों के बीच कई युद्ध और संघर्ष हुए हैं। गाजा पट्टी पर नियंत्रण की लड़ाई भी लंबे समय से चल रही है, जिसमें 2007 में हमास ने गाजा का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था, जिसके बाद से यह इलाका इजरायल के साथ निरंतर संघर्ष में घिरा हुआ है। इससे पहले, 2023 में इजरायल और हमास के बीच बड़े पैमाने पर युद्ध हुआ, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हुए। 2023 के मध्य में, दोनों पक्षों के बीच संघर्ष में तेजी आई, और अगस्त में संघर्ष ने एक खतरनाक मोड़ लिया, जिससे गाजा में हजारों लोगों की जानें चली गईं और क्षेत्र में व्यापक तबाही मच गई।
इस युद्ध के परिणामस्वरूप, इजरायल और हमास के बीच विभिन्न संघर्षविराम समझौते हुए, लेकिन इन समझौतों की सफलता सीमित रही, और कभी भी पूरी तरह से शांति स्थापित नहीं हो पाई। युद्धविराम की कई कोशिशों के बावजूद, गाजा में हिंसा और तनाव लगातार बना रहा।
संघर्षविराम और भविष्य की दिशा
वर्तमान स्थिति में, अबू मरज़ौक का बयान यह संकेत देता है कि संघर्ष विराम के पहले चरण के लागू होने के बाद शांति स्थापित करने की दिशा में कुछ उम्मीदें हैं, हालांकि यह स्थिति अस्थिर बनी हुई है। यह भी महत्वपूर्ण है कि इजरायल और हमास के बीच अगले चरण की बातचीत में सैनिकों की रिहाई और गाजा के नागरिकों की सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। गाजा में शांति की दिशा में किए गए प्रयासों के बावजूद, इस संघर्ष का समाधान आसान नहीं है, और यह दोनों पक्षों के लिए बड़े राजनीतिक और सैन्य निर्णयों पर निर्भर करेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि दूसरे चरण की वार्ताओं में कौन से कदम उठाए जाते हैं, और क्या यह संघर्ष अंततः शांति की ओर अग्रसर होगा या नहीं।
