
नई दिल्ली.MBA Vs Mini MBA: आज के समय में एमबीए कोर्स काफी डिमांड में है, लेकिन क्या आपको पता है कि एमबीए के अलावा मिनी एमबीए भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है? आइए जानते हैं दोनों कोर्स के बीच क्या है अंतर और कौन सा कोर्स आपके लिए बेस्ट होगा।
एमबीए क्या है?
मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) एक 2 साल का पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स है, जो आपको बिजनेस मैनेजमेंट, फाइनेंस, मार्केटिंग, ह्यूमन रिसोर्स आदि में विशेषज्ञता प्रदान करता है। इसमें मैनेजमेंट, फाइनेंस और ह्यूमन रिसोर्स तक में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। टॉप मैनेजमेंट कॉलेज के एमबीए में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम (CAT, JEMAT आदि) पास करना जरूरी है। यह दो साल का कोर्स है, जिसे करने के बाद आपको टॉप कंपनियों में अच्छे पैकेज वाली नौकरी मिल सकती है।
MBA के आंकड़े:
- 2 साल का कोर्स
- 60-80 लाख रुपये की फीस
- 90% से अधिक प्लेसमेंट दर
- औसत सैलरी 8-12 लाख रुपये प्रति वर्ष
मिनी एमबीए क्या है?
मिनी एमबीए एक 6 महीने से 1 साल का सर्टिफिकेट कोर्स है, जो कामकाजी लोगों के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें आपको बिजनेस मैनेजमेंट की मूल बातें सिखाई जाती हैं।
मिनी एमबीए के आंकड़े
- 6 महीने से 1 साल का कोर्स
- 1-5 लाख रुपये की फीस
- 50-70% प्लेसमेंट दर
- औसत सैलरी 4-8 लाख रुपये प्रति वर्ष
एमबीए और मिनी एमबीए में क्या है अंतर?
- ड्यूरेशन: एमबीए 2 साल का है, जबकि मिनी एमबीए 6 महीने से 1 साल का।
- डिग्री: एमबीए में डिग्री मिलती है, जबकि मिनी एमबीए में सर्टिफिकेट।
- एंट्रेंस एग्जाम: एमबीए के लिए एंट्रेंस एग्जाम जरूरी है, जबकि मिनी एमबीए में नहीं।
- फीस: एमबीए की फीस अधिक है, जबकि मिनी एमबीए की फीस कम है।
- करियर ऑप्शन: एमबीए के बाद करियर ऑप्शन विस्तृत होते हैं, जबकि मिनी एमबीए के बाद सीमित होते हैं।
कौन सा कोर्स आपके लिए बेस्ट होगा?
यह आपकी क्षमता, डिमांड और जरूरत पर निर्भर करता है। यदि आप विस्तृत मैनेजमेंट ज्ञान और उच्च स्तरीय करियर ऑप्शन चाहते हैं, तो एमबीए बेहतर विकल्प हो सकता है। लेकिन यदि आप कामकाजी हैं और अपने कौशल में सुधार करना चाहते हैं, तो मिनी एमबीए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
