जयपुर. चीन में श्वसन रोग के बढ़ते मामलों को देख राजस्थान का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मॉड पर आ गया है। विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने मंगलवार को प्रदेश के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। इसमें उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से जारी पत्र और उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार अभी तक स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन प्रदेश में संक्रामक रोगों की सर्विलांस और रोकथाम के लिए चिकित्सा प्रबंधन पूरी सतर्कता के साथ कार्य करें।
फिलहाल देश में इस बीमारी का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में सुविधाओं की पड़ताल के लिए बुधवार को सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल की जाएगी। जिसमें बैड, जांच, दवा, एम्बुलेंस, मानव संसाधन एवं आवश्यक उपकरणों आदि की मॉनिटरिंग की जाएगी। यह मॉकड्रिल मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक होगी। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार यह इंफ्लूएंजा, माइक्रोप्लाज्मान्यूमोनिया एवं सॉर्सकॉव-2 आदि के कारण होना पाया है। प्रदेश में वर्तमान में श्वसन रोग विशेषकर कोविड-19 एवं म्यूकोरमाइकोसिस के शून्य केस रिकॉर्ड हो रहे हैं।
यह करने के निर्देश
- संभाग, जिला स्तर पर रेपिड रेस्पॉन्स टीम
- एसएआरआई रोगियों की रेंडम सैंपलिंग
- राज्य, जिला स्तर के बड़े अस्पतालों में भर्ती सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एसएआरआई) के रोगियों की रेंडम सैम्पलिंग कर उनके नमूने जयपुर एवं जोधपुर स्थित लैब में भेजे जाएंगे।
- कोविड-19 रोगियों की तरह आईएलआई एवं एसएआरआई रोगियों की भी आईएचआईपी पोर्टल पर दैनिक रूप से रिपोर्टिंग
रोगियों के लिए अलग से एम्बुलेंस चिन्हित की जाए - तीन दिन में एक्शन प्लान तैयार किया जाए
- जिला, मेडिकल कॉलेज के स्तर पर एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति
