
Retail Inflation: नवंबर 2024 में महंगाई के मोर्चे पर भारतीय जनता को एक बड़ी राहत मिली है। खुदरा मुद्रास्फीति दर घटकर 5.48% पर आ गई है, जो अक्टूबर 2024 में 6.21% थी। यह आंकड़े राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा गुरुवार को जारी किए गए, जो सामान्य रूप से राहत का संकेत हैं।
ग्रामीण और शहरी इलाकों में महंगाई का अंतर
नवंबर में ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति दर 5.95% रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 4.83% दर्ज की गई। इसका मतलब है कि शहरी इलाकों में महंगाई का दबाव अपेक्षाकृत कम महसूस हुआ। हालांकि, खाद्य वस्तुओं की महंगाई अब भी एक चुनौती बनी हुई है, जो उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय है।
खाद्य महंगाई में कुछ राहत, लेकिन चुनौतियां बरकरार
खाद्य महंगाई में थोड़ी कमी आई है, जो नवंबर 2024 में 9.04% रही। ग्रामीण इलाकों में यह 9.10% और शहरी क्षेत्रों में 8.74% रही। इसमें सब्जियों, दालों, चीनी और मसालों जैसी वस्तुओं की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
कौन सी वस्तुएं रहीं सस्ती?
- सब्जियां: कई सब्जियों की कीमतों में गिरावट आई है।
- दाल, फल और दूध: इन उत्पादों के दाम भी कुछ हद तक कम हुए हैं।
किन वस्तुओं की कीमतें बढ़ी?
- लहसुन: लहसुन की कीमतों में 85.14% की बढ़ोतरी हुई।
- आलू: आलू के दाम में 66.65% का इजाफा हुआ।
- नारियल तेल: नारियल तेल की कीमत में 42.13% का उछाल देखा गया।
राहत की मुख्य वजहें
महंगाई में कमी लाने में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के उठाए गए कदमों का बड़ा हाथ रहा है। अक्टूबर 2024 में महंगाई का आंकड़ा 6% से ऊपर जाने के बाद केंद्रीय बैंक ने कड़ी निगरानी रखी और दिसंबर 2024 की मौद्रिक नीति में कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 0.50% की कटौती की। इससे बैंकों को अधिक तरलता प्राप्त हुई, जो अर्थव्यवस्था के सुधार में सहायक रही।
आगे की दिशा और उम्मीदें
RBI अब महंगाई को 4% के नीचे लाने के प्रयास में है, जिससे ब्याज दरों में कटौती की संभावना बन सकती है। यह कदम आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो सकता है। फिलहाल, खुदरा मुद्रास्फीति का वर्तमान स्तर सरकार और आम जनता के लिए राहत की खबर है, और इसके जारी रहने से उपभोक्ताओं को आगे भी कुछ राहत मिल सकती है।
