
जयपुर. Rajasthan Education News: केंद्र सरकार ने कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब से ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ (No-Detention Policy) को खत्म कर दिया गया है, जिसका उद्देश्य शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाना और छात्रों में गंभीरता को बढ़ाना है। इस फैसले के तहत, यदि विद्यार्थी कक्षा 5 या 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होते हैं, तो उन्हें अगली कक्षा में स्वतः प्रमोट नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, उन्हें पुनः परीक्षा देनी होगी और अगर वे फिर भी फेल होते हैं तो उन्हें उसी कक्षा में साल दोहराना पड़ेगा।
शिक्षामंत्री मदन दिलावर का स्वागत
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने केंद्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे “ऐतिहासिक” और “अभिनंदनीय” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस निर्णय से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा, बल्कि छात्रों में अध्ययन के प्रति गंभीरता भी विकसित होगी।”
शिक्षा में सुधार की दिशा
मदन दिलावर ने कहा, “इस दूरदर्शी निर्णय से भारतीय शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। छात्रों के समग्र विकास में यह निर्णय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार संभव होगा।” अब, कक्षा 5 और 8 के विद्यार्थी पास नहीं होने पर दोबारा परीक्षा देंगे और अगर वे फिर भी उत्तीर्ण नहीं हो पाते, तो उन्हें वही कक्षा दोहरानी होगी।
नए नियमों के तहत दोबारा परीक्षा
केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद, यदि छात्र वार्षिक परीक्षा में फेल होते हैं, तो उन्हें 2 महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। अगर इस परीक्षा में भी वे फेल हो जाते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में साल दोहराना होगा। हालांकि, शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि प्राथमिक शिक्षा पूरी करने से पहले किसी छात्र को स्कूल से बाहर नहीं किया जाएगा, जो इस निर्णय में एक महत्वपूर्ण राहत है।
‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को लेकर राज्यों का विरोध
दरअसल, केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की 2015 की बैठक में, 28 राज्यों में से 23 ने ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म करने की सिफारिश की थी। इन राज्यों का तर्क था कि इस नीति के कारण विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाते, और कक्षा 10 में फेल होने वालों की संख्या में इज़ाफा होता जा रहा है। पहले से ही, मध्य प्रदेश, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, कर्नाटक, और दिल्ली जैसे राज्यों ने कक्षा 5 और 8 में फेल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं करने का फैसला लिया है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक एवं अभिनंदनीय निर्णय लिया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के अंतर्गत “नो डिटेंशन पॉलिसी” को समाप्त कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अब कक्षा पांच एवं आठवीं में अनुत्तीर्ण होने…
— Madan Dilawar (@madandilawar) December 23, 2024
क्या बदलाव लाएगा यह निर्णय?
केंद्र सरकार के इस निर्णय से शिक्षा क्षेत्र में कई बड़े बदलाव संभव हैं:
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: अब शिक्षक छात्रों की शिक्षा पर अधिक ध्यान देंगे क्योंकि उन्हें पास करने का कोई स्वतः तरीका नहीं होगा।
- छात्रों में जिम्मेदारी और गंभीरता: विद्यार्थियों को यह महसूस होगा कि यदि वे कठिनाई का सामना करते हैं तो उन्हें दोबारा मेहनत करनी होगी, जिससे उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता बेहतर होगी।
- शिक्षकों पर जिम्मेदारी: शिक्षकों को भी यह जिम्मेदारी मिलेगी कि वे छात्रों को बेहतर तरीके से पढ़ाएं ताकि कोई छात्र अनुत्तीर्ण न हो।
