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Rajasthan Education News: राजस्थान के इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति में गहरा गया संकट: नौ साल से कार्यवाहकों के भरोसे कामकाज

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engineering colleges
Rajasthan Education News: The crisis deepened in the appointment of permanent principals in engineering colleges of Rajasthan: functioning on the basis of caretakers for nine years
अजमेर. Rajasthan Education News: राजस्थान सरकार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति के लिए हुए प्रयास अब तक असफल रहे हैं। अजमेर, भरतपुर, बारां, झालावाड़ और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस पद पर कामकाज स्थायी रूप से चलाने के लिए सरकार ने बार-बार प्रयास किए, लेकिन आज भी इन कॉलेजों में कार्यवाहक प्राचार्य ही अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यह स्थिति कॉलेजों में व्यवस्थाओं और गुणवत्ता में गिरावट का कारण बन रही है।
चार बार हुए आवेदन, फिर भी नहीं मिली स्थायी नियुक्ति
राजस्थान तकनीकी शिक्षा विभाग ने फरवरी-मार्च 2020 में इंजीनियरिंग कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य के पद के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। आवेदन की छंटनी भी कर ली गई थी, लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन के कारण साक्षात्कार नहीं हो सके, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया ठप हो गई। इसके अलावा, शैक्षिक अर्हताएँ, शोध पत्रों का प्रकाशन और एपीआई स्कोर जैसे नियमों के चलते आवेदन की संख्या भी कम रही थी।
नौ साल से स्थायी प्राचार्य का न होना एक समस्या
2016 से अब तक प्राचार्य की नियुक्ति में अड़चनें बनी रही हैं। तकनीकी शिक्षा विभाग ने जयपुर में 2016 में साक्षात्कार आयोजित किए, लेकिन कोर्ट केस के कारण नियुक्तियाँ नहीं हो पाईं। 2018 में फिर से आवेदन लिए गए, लेकिन साक्षात्कार का दौर फिर से पूरा नहीं हो सका। 2020 में तीसरी बार आवेदन मांगे गए, लेकिन शैक्षिक अर्हताएँ पूरी नहीं होने के कारण कई शिक्षक आवेदन नहीं कर पाए।
मंत्रालय की रिपोर्ट में आयी और भी परेशानियाँ
2018 में तकनीकी शिक्षा मंत्रालय ने बांसवाड़ा, भरतपुर, अजमेर, झालावाड़, जोधपुर, बीकानेर, बारां और अन्य कॉलेजों से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें शैक्षिक और अशैक्षिक कार्मिकों की वेतन स्थिति, कॉलेज के एक्रिडिटेशन का स्टेटस, और रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई थी। इसके अलावा, स्थायी या कार्यवाहक प्राचार्य की स्थिति, कॉलेजों की वित्तीय स्थिति और अन्य मुद्दों पर भी ध्यान दिया गया था।
तीन कॉलेजों को मिलेगा नया रूप: बनेंगे ‘राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’
राज्य सरकार ने 2024-25 के बजट में घोषणा की है कि अजमेर, भरतपुर और बीकानेर के इंजीनियरिंग कॉलेजों को ‘राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ (RIT) के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें एनआईटी की तरह निदेशक और अन्य उच्च पद सृजित किए जाएंगे, जिससे इन कॉलेजों की व्यवस्था को और सशक्त बनाया जाएगा।
अजमेर और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थायी प्राचार्य का अभाव
अजमेर स्थित बड़ल्या इंजीनियरिंग कॉलेज में 2015-16 तक एम.एम. शर्मा स्थायी प्राचार्य थे, लेकिन उनके बाद अब तक स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हो पाई। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में 2017 में प्रोफेसर अजय सिंह जेठू के जाने के बाद से भी यह पद खाली है।
कॉलेजों में बने अनेकों मुद्दे
  • स्टाफ और कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में समस्याएँ
  • सरकार से नियमित अनुदान न मिलना
  • कॉलेजों में उपाचार्यों के पदों का न होना
  • महिला कॉलेज में पे-रेक्टिफिकेशन में गड़बड़ी
  • शिक्षक और कर्मियों की नियुक्तियों और भर्तियों पर सवाल उठना
  • बड़ल्या, बांसवाड़ा और महिला कॉलेज में डिजिटल लाइब्रेरी का न बन पाना
  • मनमाने तरीके से कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत अनियमितताएँ
राज्य सरकार को अब इन अड़चनों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता और संस्थागत व्यवस्था में सुधार हो सके।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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