
जयपुर. Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में बढ़ते नशे के कारोबार और उसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की उदासीनता के कारण नशे की समस्या न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में लगातार बढ़ रही है, और अब यह समस्या बच्चों तक पहुंच चुकी है। गहलोत ने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए यह भी कहा कि अब विद्यालयों के बच्चे भी नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं, जो समाज के लिए एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है।
गहलोत ने बताया कि पहले नशे की लत कॉलेज जाने वाले बच्चों तक सीमित थी, लेकिन अब विद्यालयी स्तर पर भी बच्चों का रुझान मादक पदार्थों की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दसवीं और बारहवीं कक्षा के बच्चे शराब और अन्य मादक पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, और यह आदत अब हर छोटे-बड़े समारोह में दिखाई दे रही है। यह न सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य के लिए, बल्कि समाज के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।
प्रशासन की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए गहलोत ने कहा
गहलोत ने नशे के बढ़ते खेल के पीछे मुख्य कारण प्रशासन और सरकार की गंभीरता की कमी बताई। उन्होंने यह भी कहा कि अभिभावकों के पास बच्चों के लिए पर्याप्त समय नहीं है, जिससे वे अपने बच्चों की आदतों पर ध्यान नहीं दे पाते। गहलोत ने यह आरोप भी लगाया कि पुलिस के कुछ अधिकारी नशे के तस्करों के साथ संलिप्त हैं। राजस्थान में पिछले पांच वर्षों में 50 से अधिक पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में शामिल पाए गए हैं।
गहलोत ने आगे कहा, “राजस्थान में नशे के कारोबार के खिलाफ कानून और सजा का प्रावधान है, लेकिन इन मामलों में लंबा समय लगने, सबूतों की कमी और सही जांच न होने के कारण आरोपी आसानी से बच जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, मादक द्रव्यों का अवैध कारोबार बढ़ता जा रहा है, विशेष रूप से एमडीएमए जैसे नशीले पदार्थ आसानी से बाजार में उपलब्ध हो रहे हैं।”
नशे की समस्या पर पहले भी उठाई थी आवाज
पूर्व मुख्यमंत्री ने दो साल पहले क्लब और पब संस्कृति पर सख्ती की जरूरत की बात कही थी, जिस पर उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा था। गहलोत ने बताया कि उनका उद्देश्य युवाओं के लिए एक बेहतर और स्वस्थ माहौल तैयार करना था, न कि उनके विरोध में खड़ा होना। उन्होंने कहा, “नशे की लत ऐसे होती है कि अगर आप किसी को इसके बारे में सही रास्ता दिखाते हैं, तो वह विरोध करता है। यह एक ऐसी बीमारी बन चुकी है जो समाज के लिए खतरनाक हो सकती है।”
गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और जोधपुर में नशे का कारोबार बढ़ा
गहलोत ने कहा कि नशे के तस्कर गिरोह राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और जोधपुर जैसे शहरों में सक्रिय रूप से नशे का कारोबार चला रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनके समय में इन क्षेत्रों में लगातार कार्रवाई की जाती थी, लेकिन अब स्थिति चिंताजनक हो गई है। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि इन क्षेत्रों में विशेष ध्यान केंद्रित करके तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि युवाओं का भविष्य बचाया जा सके और नशे का कारोबार रोकने में मदद मिल सके।
युवाओं के भविष्य के लिए सरकारी और समाज दोनों को सोचना होगा
गहलोत ने यह सवाल उठाया कि क्या पैसा कमाना और खुद के लिए सुख-सुविधाएं जुटाना बच्चों के भविष्य से अधिक महत्वपूर्ण है? उन्होंने यह भी कहा कि समाज और सरकार को मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना चाहिए, ताकि युवाओं को नशे के जाल से बाहर निकाला जा सके और उनका भविष्य सुरक्षित किया जा सके।
