
जयपुर. Rajasthan News: प्रदेश की जेलों में सुरक्षा और अनुशासन को सख्त करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार प्रदेश की जेलों में कानून व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर गृह विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जेल सुरक्षा और प्रशासन को लेकर कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार जेलों को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि उन्हें आधुनिक और तकनीकी दृष्टि से भी सुसज्जित करेगी। उन्होंने जेल विभाग को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया ताकि सभी जेलों में सुरक्षित और नियंत्रण प्रणाली सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि जेलों में अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाए और अपराधियों द्वारा मोबाइल फोन जैसे अवांछित उपकरणों का इस्तेमाल बिल्कुल न होने पाए।
सख्त कदम: अवांछित सामग्री मिलने पर होगी कठोर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने जेल प्रशासन को यह चेतावनी दी कि यदि जेल परिसर में अवांछित सामग्री पाई जाती है, तो संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसी घटनाओं में एफआईआर दर्ज कर उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जो अवैध सामग्री जेल में पहुंचाने का काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन अपराधों के पीछे जो नेटवर्क काम कर रहा है, उसे भी पूरी तरह से नष्ट किया जाएगा।
सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा बढ़ाने की योजना
सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जेलों में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। इससे न केवल जेलों में हो रही गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी, बल्कि अपराधियों के बीच किसी भी प्रकार की अवांछित गतिविधि को तुरंत पकड़ा जा सकेगा। साथ ही, मुख्यमंत्री ने जेल के कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले गैजेट्स को जेल परिसर से बाहर रखने की व्यवस्था भी करने का आदेश दिया, ताकि कोई भी तकनीकी उपकरण अवैध रूप से जेल में न पहुंचे।
जेल प्रशासन में सुधार के लिए नई व्यवस्थाएं
मुख्यमंत्री ने जेल प्रशासन में सुधार के लिए भी कई निर्देश दिए। जेलों में तैनात कर्मचारियों के कार्यों में परिवर्तन लाने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को समय-समय पर बदला जाना चाहिए ताकि उनकी कार्यप्रणाली पर निगरानी बनी रहे। साथ ही, जेल परिसर में उपयोग में लाए जाने वाले वाहनों और उपकरणों को भी नियमित रूप से बदलने का निर्देश दिया गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम का निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण सुधार
मुख्यमंत्री ने जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम के निर्माण में तेजी लाने का भी आदेश दिया। इससे न्यायालय में अपराधियों की पेशी बिना उन्हें जेल से बाहर निकाले की जा सकेगी, जो जेलों में सुरक्षा की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके अलावा, जेल परिसर में मोबाइल जैमर की प्रणाली स्थापित करने का भी आदेश दिया गया ताकि मोबाइल फोन जैसी अवैध चीजें जेल में न पहुंच सकें।
अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान
इस महत्वपूर्ण बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनंद कुमार, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) आलोक गुप्ता, महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेन्स संजय कुमार अग्रवाल, महानिदेशक जेल गोविन्द गुप्ता, पुलिस आयुक्त जयपुर बीजू जॉर्ज जोसफ और अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध शाखा दिनेश एमएन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
