sanskritiias

Rajasthan Politics: राजस्थान भाजपा में कलह: चिकित्सा मंत्री के बेटे धनंजय सिंह खींवसर का बड़ा बयान, वरिष्ठ नेता पर साधा निशाना

Share this post

ज्योति मिर्धा और धनंजय सिंह
ज्योति मिर्धा और धनंजय सिंह

जयपुर. Rajasthan Politics: राजस्थान में भाजपा के भीतर अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आने लगी है। पहले कांग्रेस में गुटबाजी की खबरें सुर्खियों में थीं, लेकिन अब भाजपा में भी आपसी मतभेद उभरने लगे हैं। ताजा विवाद में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर ने सोशल मीडिया पर एक तीखी पोस्ट कर सियासी हलचल मचा दी है। बिना किसी का नाम लिए उन्होंने पार्टी की एक वरिष्ठ महिला नेता पर निशाना साधा और चेतावनी भरे लहजे में कहा—

“गिराने से पहले सोच लेना, गिरा तो मसला बनकर खड़ा हो जाऊंगा, अभी तो चल रहा हूं अकेला, रोकोगे तो काफिला बन जाऊंगा।”

उनकी इस पोस्ट के बाद राजस्थान भाजपा में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। माना जा रहा है कि उनका इशारा भाजपा की वरिष्ठ नेता ज्योति मिर्धा की ओर है, जो हाल ही में नागौर जिले में पार्टी की गतिविधियों को लेकर मुखर रही हैं।

खींवसर बनाम मिर्धा: भाजपा के भीतर जारी सियासी खींचतान

इस पूरे विवाद की जड़ नागौर जिले में भाजपा नेताओं के बीच बढ़ते मतभेद और सत्ता संघर्ष को माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा का एक पत्र मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस पत्र में नागौर जिले की राजनीति को लेकर गंभीर बातें लिखी गई थीं।

ज्योति मिर्धा का सीधा आरोप: पत्र के वायरल होने के पीछे किसी “अपने ही” का हाथ है। उन्होंने संकेत दिया कि इसके पीछे गजेंद्र सिंह खींवसर का प्रभाव हो सकता है। मिर्धा ने स्पष्ट किया कि पार्टी इस मामले को गंभीरता से ले रही है और इसकी विस्तृत जांच की जाएगी।

उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि “अफसोस की बात है कि यह विवाद हमारी ही पार्टी के अंदर से निकला है। कुछ लोग नहीं चाहते कि विधायक डांगा नागौर में मजबूत स्थिति हासिल करें। लेकिन पार्टी अनुशासन तोड़ने वालों पर कार्रवाई जरूर करेगी।”

पगड़ी विवाद: भाजपा के भीतर बढ़ती दूरी का संकेत?

इससे पहले भाजपा में एक और विवाद तब उठा जब एक बुजुर्ग किसान द्वारा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के सामने पगड़ी उतारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी।

ज्योति मिर्धा ने इस पर तंज कसते हुए कहा:
“मैं यह नहीं कहती कि उन्होंने जबरदस्ती पगड़ी उतरवाई, लेकिन मैं जनता को बताना चाहती हूं कि अब जमाना बदल गया है। किसी को भी अपनी पगड़ी सम्मानपूर्वक उतारने की जरूरत नहीं है। आप मालिक हैं, नेता आपकी सेवा के लिए हैं।”

उनका यह बयान परंपरागत राजपूत राजनीति और आधुनिक लोकतांत्रिक नेतृत्व के बीच की खींचतान को उजागर करता है। उन्होंने बिना नाम लिए कहा,
“जो राजा रह चुके हैं, वे अब भी राजा बने रहना चाहते हैं, लेकिन हमारी जिम्मेदारी है कि हम नई सोच और नए नेतृत्व को आगे बढ़ाएं।”

भाजपा हाईकमान की चिंता: बढ़ते मतभेद पार्टी के लिए खतरा?

राजस्थान में भाजपा के अंदर गुटबाजी की इन खबरों से पार्टी नेतृत्व भी चिंतित है। भाजपा आगामी नगर निकाय और पंचायत चुनावों को देखते हुए किसी भी तरह के आंतरिक विवाद को बढ़ने नहीं देना चाहती।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मामले को संज्ञान में लिया है और जल्द ही सभी पक्षों को संयम बरतने और पार्टी अनुशासन बनाए रखने के निर्देश दिए जा सकते हैं।

क्या यह भाजपा के भीतर सत्ता संघर्ष का संकेत है?
राजस्थान की राजनीति में धनंजय सिंह खींवसर की पोस्ट और ज्योति मिर्धा के तीखे बयान दो ध्रुवों के उभरने की ओर इशारा कर रहे हैं।

एक तरफ परंपरागत राजपूत नेतृत्व है, जिसका प्रतिनिधित्व गजेंद्र सिंह खींवसर कर रहे हैं।दूसरी ओर नई भाजपा, नए चेहरे और बदलाव की मांग करने वाले नेता हैं, जिन्हें ज्योति मिर्धा जैसे नेता समर्थन दे रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ एक सोशल मीडिया पोस्ट का मामला नहीं है, बल्कि राजस्थान भाजपा के भीतर बढ़ते सत्ता संघर्ष का संकेत है। अब देखना यह होगा कि भाजपा नेतृत्व इस विवाद को कैसे संभालता है और क्या यह मतभेद भविष्य में पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं?

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

Leave a Comment

ख़ास ख़बरें

ताजातरीन

best news portal development company in india