
जयपुर. Rajasthan Vidhansabha Session: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शुक्रवार को विधानसभा में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी एक अहम घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरा जाएगा। इस प्रक्रिया में विभागीय पदोन्नति समिति और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC), अजमेर से चयनित आशार्थी को नियुक्त किया जाएगा। मंत्री मदन दिलावर विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार की शिक्षा नीति और संबंधित मुद्दों पर अपनी बात रखी।
पूर्व सरकार की नीतियों पर तंज
शिक्षा मंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने बिना कोई ठोस आवश्यकता का आकलन किए विद्यालयों को खोलने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि राज्य में ऐसे चार हजार से ज्यादा विद्यालय हैं, जिनमें शिक्षक पद स्वीकृत नहीं किए गए हैं और जो पद स्वीकृत किए गए थे, उन्हें भी समय पर भरा नहीं गया।
दिलावर ने यह भी बताया कि पूर्व सरकार ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए गलत कदम उठाए, जिनमें से एक प्रमुख निर्णय था हिन्दी माध्यम के विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में बदलने का। इसके चलते दोनों माध्यमों के बच्चों का भविष्य असमंजस में फंसा और बच्चों को भविष्य में क्या हासिल होगा, इस पर सवाल उठने लगे। इसके अलावा, कई बालिका विद्यालयों को भी अंग्रेजी माध्यम में बदल दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप बालिकाओं को पढ़ाई छोड़ने या दूर-दराज के स्कूलों में दाखिला लेने पर मजबूर होना पड़ा।
राज्य सरकार द्वारा सुधार की दिशा में कदम
मदन दिलावर ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने इस स्थिति को सुधारने के लिए गंभीर कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जो प्रत्येक विद्यालय की स्थिति का मूल्यांकन करेगी। शिक्षा मंत्री ने सदन में आश्वस्त किया कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार जल्द ही एक ठोस निर्णय लेगी, जिससे प्रदेश के विद्यार्थियों और शिक्षा व्यवस्था के हित में सुधार होगा।
चित्तौड़गढ़ के विद्यालयों की स्थिति
शिक्षा मंत्री ने चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में शिक्षकों के रिक्त पदों के बारे में भी सदन में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चित्तौड़गढ़ क्षेत्र में कुल 328 व्याख्याता पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 212 पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि 116 पद रिक्त हैं। वहीं, वरिष्ठ अध्यापक के 433 स्वीकृत पदों में से 315 पदों पर शिक्षक कार्यरत हैं और 118 पद रिक्त हैं। दिलावर ने सदन के पटल पर इन पदों का विस्तृत विवरण भी रखा और यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इन रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
