
जयपुर. Rajasthan Vidhansabha Session: राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान डिप्टी सीएम दीया कुमारी और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बीच सडक़ों की मंजूरी को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। इस दौरान जूली ने विपक्षी विधायकों की सिफारिशों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया, जिसे दीया कुमारी ने जोरदार तरीके से नकारा।
कांग्रेस विधायक प्रशांत शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए दीया कुमारी ने कहा कि सडक़ों की मरम्मत और निर्माण का निर्णय सिर्फ कमेटी की सिफारिशों और जनप्रतिनिधियों की राय के आधार पर लिया जाएगा। अगर किसी विधायक द्वारा सडक़ का प्रस्ताव दिया जाता है, तो उसे पूरी तरह से परीक्षण के बाद मंजूरी दी जाएगी। इस पर नेता प्रतिपक्ष जूली ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने एप्रुपरिएशन बिल पर बहस के दौरान कहा था कि विधायक की सिफारिशों के आधार पर ही सडक़ों की मंजूरी दी जाएगी, इसलिए यह नीति बदलनी चाहिए।
इस पर दीया कुमारी ने कहा कि वह पहले भी यही बात कह चुकी हैं कि यदि कोई सडक़ प्रस्तावित होती है, तो उसे कमेटी के पास भेजा जाएगा। और यदि जरूरत पड़ी तो उसका पूरी तरह से परीक्षण करवा कर उसकी मरम्मत या नई सडक़ का निर्माण कराया जाएगा।
विश्वविद्यालय विधेयक में बदलाव: कुलपति का नाम बदलने का प्रस्ताव
विधानसभा में विश्वविद्यालयों से संबंधित एक अहम बिल पर भी बहस हुई, जिसमें प्रदेश के 32 सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के कानूनी ढांचे में बदलाव का प्रस्ताव है। इस बिल के तहत अब विश्वविद्यालयों में कुलपति का नाम ‘कुलगुरु’ और प्रति कुलपति का नाम ‘प्रतिगुरु’ रखा जाएगा। सरकार का कहना है कि यह बदलाव प्राचीन भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखते हुए किया गया है, क्योंकि प्राचीन समय में विश्वविद्यालयों के प्रमुख को कुलगुरु ही कहा जाता था। इस बदलाव के पीछे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देने का उद्देश्य बताया गया है।
तीन विधायकों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भी होगी चर्चा
विधानसभा में तीन विधायकों के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भी मंत्री जवाब देंगे, जिनमें विभिन्न मुद्दों पर बहस होगी। विधानसभा की इन बहसों से यह साफ है कि राज्य सरकार सडक़ों और विश्वविद्यालयों से जुड़े मुद्दों पर विधायकों के सुझावों को लेकर गंभीर है, लेकिन कुछ बिंदुओं पर मतभेद भी हैं, जो अभी जारी हैं।
