
बीकानेर. Threat call to CM bhajanlal: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह धमकी भरा कॉल बीकानेर जेल से किया गया। इस घटना के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गई हैं। जेल परिसर में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि इस धमकी के पीछे का पूरा सच सामने आ सके।
कैसे मिली धमकी, क्या कह रही पुलिस?
सूत्रों के अनुसार, यह धमकी जेल में बंद एक कैदी ने दी। प्राथमिक जांच में पुलिस को संदेह है कि इस धमकी का मकसद जेल प्रशासन में फेरबदल कराना हो सकता है। यानी कुछ कैदी चाहते हैं कि सख्त अधिकारियों को हटाया जाए और उनके लिए जेल का माहौल आसान बनाया जाए। पुलिस इस एंगल से भी मामले की गहराई से जांच कर रही है। इस धमकी के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। पुलिस जल्द ही इस केस का खुलासा करने का दावा कर रही है।
डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को भी मिली थी धमकी
यह पहला मामला नहीं है जब राजस्थान सरकार के बड़े नेताओं को इस तरह की धमकियां मिली हैं। महज दो दिन पहले ही डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को भी जान से मारने की धमकी दी गई थी।
इस मामले में जयपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छह बदमाशों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों में विक्रम सिंह, शाहनील, वसीम खान, जुनैद और मोहम्मद अशरफ शामिल हैं। जांच में सामने आया कि आरोपी विक्रम सिंह ने पुलिस कंट्रोल रूम पर कॉल करके डिप्टी सीएम को धमकी दी थी।
कैसे मिला डिप्टी सीएम को धमकी भरा कॉल?
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि बुधवार शाम करीब 7:15 बजे जयपुर के सिटी कंट्रोल रूम पर एक फोन कॉल आया था, जिसमें डिप्टी सीएम को जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने तुरंत विधायकपुरी थाने में केस दर्ज किया और आरोपियों को ट्रेस कर गिरफ्तार कर लिया।
पहले भी मिल चुकी है cm भजनलाल शर्मा को धमकी
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पहले भी दो बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है।
- 21 फरवरी को दौसा जेल से एक कैदी ने फोन कर धमकी दी थी।
- यह कॉल पॉक्सो एक्ट के तहत सजा काट रहे एक कैदी द्वारा किया गया था।
- जांच में पता चला कि इससे पहले भी जेल से इसी तरह की धमकी दी जा चुकी थी।
- इस मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की और जेलर समेत दो जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।
- तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था।
जेलों में बड़े स्तर पर सर्च ऑपरेशन के आदेश
इन घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गृह विभाग की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और प्रदेशभर की जेलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान के आदेश दिए। Cm ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि “अगर जेल में किसी भी तरह की अवैध गतिविधि पाई गई, तो संबंधित जेल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
मुख्यमंत्री ने दिए ये सख्त आदेश
- प्रदेशभर की जेलों में पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में औचक तलाशी अभियान चलेगा।
- अगर किसी जेल में अवैध मोबाइल फोन, सिम कार्ड या अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिली, तो दोषियों के खिलाफ fir दर्ज होगी।
- अगर कोई जेल अधिकारी या कर्मचारी कैदियों की अवैध गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है, तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
- हर जेल में cctv निगरानी को और मजबूत किया जाएगा।
क्या राजस्थान में गैंगस्टर्स के नेटवर्क से जुड़ा है मामला?
राजस्थान की जेलों में पहले भी गैंगस्टर्स द्वारा मोबाइल से अपराधी गतिविधियां संचालित करने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि—
- जेल में बैठे अपराधी गैंग अपने प्रभाव को बचाने के लिए सरकार और प्रशासन को डराने की कोशिश कर सकते हैं।
- कुछ गैंगस्टर जेल से भी जबरन वसूली और धमकी का खेल खेलते हैं।
- इन घटनाओं से यह साफ है कि जेल प्रशासन में सुधार की सख्त जरूरत है।
क्या होगी सरकार की अगली कार्रवाई?
Cm भजनलाल शर्मा को लगातार मिल रही धमकियां सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बनती जा रही हैं।अब तक सरकार ने इन मामलों में तुरंत एक्शन लिया है, लेकिन जेलों में बढ़ती अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने होंगे। पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं, और जल्द ही इस धमकी देने वाले आरोपी का खुलासा हो सकता है। आने वाले दिनों में जेलों में बड़े पैमाने पर छापेमारी और सुधार देखने को मिल सकते हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन धमकियों से निपटने के लिए कौन-कौन से नए कदम उठाती है और क्या जेलों में हो रही अवैध गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकेगी?
