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Tiger Marathon: दिव्यांगजनों ने व्हील चेयर पर टाइगर मैराथन में लिया हिस्सा, साहस और संघर्ष की मिसाल पेश की

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Tiger Merathan in Alwar
अलवर. Tiger Marathon:  रविवार को उदयपुर में आयोजित टाइगर मैराथन में एक नई पहल देखने को मिली, जब कई दिव्यांगजनों ने व्हील चेयर पर मैराथन में भाग लिया। यह दृश्य शहर के लिए एक प्रेरणा बन गया, जिसमें दिव्यांगजनों ने अपनी साहसिकता और संघर्ष के माध्यम से समाज के सामने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। इन प्रतिभागियों ने न केवल अपनी शारीरिक सीमाओं को पार किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि जब दिल में साहस हो, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती। रविवार को अलवर शहर की सड़कों का नजारा अलग था। हर कोई अपने लक्ष्य की ओर भागता नजर आ रहा था। मौका पीएम नरेंद्र मोदी के विजन फिट इंडिया हिट इंडिया से प्रेरित होकर केंद्रीय वनमंत्री की पहल पर रविवार को आयोजित अलवर टाइगर मैराथन का था।
सभी उम्र के दिव्यांगजनों ने लिया हिस्सा
इस वर्ष के टाइगर मैराथन में दिव्यांगजनों का उत्साह और जोश देखते ही बनता था। व्हील चेयर पर दौड़ने वाले दिव्यांगों में विभिन्न उम्र के लोग शामिल थे। इन प्रतिभागियों में छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे, जिन्होंने इस आयोजन के माध्यम से समाज को यह दिखाया कि असमान्य परिस्थितियों में भी उन्हें पीछे हटने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव व वन मंत्री संजय शर्मा ने जैसे ही मैराथन को हरी झंडी दिखाई लोग दौड़ पड़े। अलवर ही नहीं पूरे देशभर के सैकड़ों धावकों ने इसमें हिस्सा लिया। प्रताप आॅडिटोरियम से मैराथन की शुरुआत हुई।
व्हील चेयर पर दौड़ने वाले दिव्यांगों का साहस
इस मैराथन में भाग लेने वाले दिव्यांगजनों ने व्हील चेयर पर अपनी सीमाओं को चुनौती दी और इस विशेष दौड़ को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। इन सभी प्रतिभागियों के लिए यह सिर्फ एक दौड़ नहीं, बल्कि अपने आत्मविश्वास और धैर्य को परखने का अवसर था। इनमें से कुछ दिव्यांगजनों ने व्हील चेयर पर दौड़ते हुए न केवल अपनी शारीरिक सीमा को पार किया, बल्कि मानसिक दृढ़ता और साहस का भी अद्भुत उदाहरण पेश किया।
समाज में दिव्यांगजनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य
यह कार्यक्रम न केवल दिव्यांगजनों के उत्साह और साहस को प्रदर्शित करने का एक मंच था, बल्कि यह समाज में दिव्यांगजनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम था। इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि दिव्यांगजन भी समाज का एक अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें समान अवसर मिलना चाहिए। इस अवसर पर आयोजकों ने बताया कि यह आयोजन दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करने और उनके अधिकारों के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
दिव्यांगजनों की सहभागिता पर आयोजकों की प्रतिक्रिया
टाइगर मैराथन के आयोजक, जिन्होंने इस साल के इवेंट में दिव्यांगजनों की सहभागिता को प्रमुख स्थान दिया, ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल एक सामान्य मैराथन का आयोजन नहीं था, बल्कि एक ऐसी प्लेटफॉर्म तैयार करना था जहां दिव्यांगजन भी समान रूप से भाग ले सकें। हमें गर्व है कि इस बार हमने दिव्यांगजनों के लिए व्हील चेयर श्रेणी की शुरुआत की और हमें यह देखकर खुशी हुई कि उन्होंने अपनी पूरी मेहनत से इसे सफल बनाया।”
समाज का सकारात्मक समर्थन
इस आयोजन में दिव्यांगजनों के साहस को देखकर आसपास के लोग भी प्रेरित हुए। स्थानीय समाज ने इन दिव्यांगजनों का समर्थन किया और उनकी हिम्मत को सलाम किया। कई दर्शकों ने दौड़ के दौरान इनका उत्साह बढ़ाया और इस पहल को सराहा।
इन्होंने पाया अपना स्थान
मैराथन का आयोजन अलवर सांसद खेल उत्सव के तहत प्रताप ऑडिटोरियम से किया जा रहा है। 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन में महाराष्ट्र के कालिदास हिरवे (महाराष्ट्र) पहले नंबर पर आए। जयपुर से आए राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर शेर सिंह दूसरे नंबर रहे। वहीं महाराष्ट्र के ही संगदेव लाटे तीसरे नंबर पर रहे। महिलाओं में 21 किलोमीटर की दौड़ में यूपी से आई एथलीट नीतू कुमारी पहले नंबर रही। पैरा दौड़ में रहमान खान ने बाजी मारी।
Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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