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Waqf Bill Pass: मोदी सरकार का सियासी मास्टरस्ट्रोक: वक्फ संशोधन बिल पर गठबंधन की मज़बूत यारी ने विपक्ष को किया चौंका

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Waqf Bill
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Waqf Bill Pass: मोदी सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उसका राजनीतिक कौशल और रणनीति किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार है। वक्फ संशोधन बिल को संसद में आसानी से पास कराकर उसने न केवल विपक्ष को करारा जवाब दिया, बल्कि गठबंधन के अंदर अपनी मजबूती को भी प्रदर्शित किया। यह बिल लोकसभा और राज्यसभा में भारी बहुमत से पास हुआ, और अब केवल राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है, जिसके बाद यह कानून की शक्ल ले लेगा।

गठबंधन की परीक्षा में पास हुई मोदी सरकार

वक्फ संशोधन बिल मोदी सरकार के लिए एक सियासी परीक्षा से कम नहीं था। मुस्लिमों से जुड़े इस बिल पर विरोध और समर्थन का खेल बेहद गहरा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सियासी चतुराई से इसे मंजूरी तक पहुंचाया। लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े, जबकि राज्यसभा में 128 के पक्ष में और 95 के विरोध में वोट आए। इसके बावजूद, बिल को संसद की मंजूरी मिल गई, जो मोदी सरकार के सियासी कौशल की निशानी है।

मोदी ने किया नामुमकिन को मुमकिन

इस बिल के पास होने में मोदी सरकार को अपनी सहयोगी पार्टियों के साथ राजनीतिक सहमति और तालमेल बनाना आसान नहीं था। चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, चिराग पासवान और जयंत चौधरी जैसे नेताओं पर मुस्लिम वोटबैंक की चिंता थी, लेकिन इन नेताओं ने वक्फ बिल पर अपनी पार्टी की प्राथमिकताओं से ऊपर उठकर मोदी सरकार का साथ दिया। यह साबित करता है कि मोदी सरकार अब सिर्फ अपनी ताकत पर नहीं, बल्कि गठबंधन के भरोसे भी सियासी खेल खेल सकती है।

गठबंधन के साथ मोदी का सियासी जादू

2024 में बीजेपी को 240 सीटें मिली थीं, लेकिन बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए एनडीए के सहयोगी दलों का साथ जरूरी था। चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू के बिना यह संभव नहीं था। इस स्थिति में जब मोदी सरकार को गठबंधन सरकार चलाने का चुनौतीपूर्ण माहौल था, तब वक्फ बिल के माध्यम से मोदी ने यह साबित कर दिया कि वह अपने सियासी एजेंडे को लागू करने में सक्षम हैं, भले ही उन्हें किसी की मदद की जरूरत हो।

विपक्ष को एक करारा जवाब

विपक्ष को जहां इस बिल पर आपत्ति थी, वहीं मोदी सरकार ने गठबंधन के सहयोग से इसे संसद में पास कराकर विपक्ष को करारा जवाब दिया। नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और जयंत चौधरी ने इस बिल के समर्थन में खुलकर बयान दिए, जो विपक्ष की चुप्पी और उनके आरोपों का सटीक उत्तर था। इन सहयोगियों ने न केवल मोदी सरकार का साथ दिया, बल्कि इस बिल के समर्थन में अपने बयान दिए, जो विपक्ष के लिए चौंकाने वाले थे।

मुस्लिम वोटबैंक की चिंता पर मिली जीत

वक्फ संशोधन बिल पर मुस्लिम संगठनों द्वारा विरोध के बावजूद, मोदी सरकार ने इसे पारित कराकर यह दिखा दिया कि वह मुस्लिम वोटबैंक की चिंता किए बिना अपने एजेंडे पर काम करती है। यह अहम था, क्योंकि वक्फ बिल सीधे मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों से जुड़ा था, और कई मुस्लिम संगठनों ने इसे उनके हितों के खिलाफ करार दिया था। लेकिन मोदी सरकार ने अपने सहयोगी दलों को विश्वास दिलाया और बिल को पारित करवा लिया।

बीजेपी के सहयोगी दलों का मजबूत समर्थन

इस बिल के पास होने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर न केवल अपने सियासी एजेंडे को अमलीजामा पहनाने में सक्षम है, बल्कि वह गठबंधन सरकार के भीतर एक सशक्त और सुसंगत नेतृत्व भी प्रदान कर सकती है। बीजेपी ने इस बिल के महत्व को अपनी सहयोगी पार्टियों को अच्छे से समझाया और इस प्रक्रिया में हर कदम पर उनके साथ बैठकें कीं, जिससे वह समर्थन जुटाने में सफल रही।

मोदी सरकार का फ्लोर मैनेजमेंट

मोदी सरकार ने अपने फ्लोर मैनेजमेंट के जरिए यह साबित कर दिया कि वह किसी भी सियासी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सहयोगी दलों के साथ तालमेल बनाकर उन्होंने यह बिल पारित करवा लिया, जो कि पहले से ही एक जटिल मुद्दा था। मोदी सरकार ने अपने नेतृत्व में गठबंधन को बनाए रखा और इस बिल को पारित करने में सफलता प्राप्त की।

मुस्लिम वोटबैंक पर दबाव बनाने की कोशिशें नाकाम

रमजान के महीने में मुस्लिम संगठनों ने मोदी सरकार के सहयोगी दलों पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और अन्य सहयोगी दलों ने वक्फ बिल का समर्थन कर इस दबाव को नकार दिया। मुस्लिम वोटों की परवाह किए बिना सहयोगी दलों ने मोदी सरकार का साथ दिया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि मोदी सरकार का गठबंधन अब केवल सियासी मुद्दों पर नहीं, बल्कि चुनावी रणनीतियों में भी मजबूत है।

इस तरह से मोदी सरकार ने न केवल अपनी सियासी ताकत का अहसास कराया, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि वह हर स्थिति में अपनी नीति को लागू करने में सक्षम है, चाहे उसका सामना किसी भी राजनीतिक चुनौती से क्यों न हो।

Bharat Update 9
Author: Bharat Update 9

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