नई दिल्ली. Weather Report: दिल्ली ने बुधवार सुबह सीजन की सबसे ठंडी सुबह का अनुभव किया, जब न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दिल्ली के सफदरजंग इलाके में न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पालम में यह 6.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इस दिन दिल्ली में सुबह के समय हल्का कोहरा भी छाया रहा, और ठंडक सुबह 9 बजे तक बनी रही। IMD के मुताबिक, शहर में स्मॉग और कोहरे की स्थिति बनी हुई है, और हवाएं मुख्यतः उत्तर-पश्चिम दिशा से 8 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आ रही हैं, जिससे तापमान में और गिरावट आ रही है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति
वहीं, दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 7 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 209 था। आनंद विहार में AQI 218, अशोक विहार में 227, द्वारका में 250 और IGI एयरपोर्ट पर 218 दर्ज किया गया। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता मापदंड के अनुसार ‘मध्यम’ रही, जैसे आयानगर में AQI 148, बुरारी क्रॉसिंग में 187, चांदनी चौक में 181 और DTU में 165।
AQI के संदर्भ में:
- 0-50 तक AQI को ‘अच्छा’ माना जाता है
- 51-100 को ‘संतोषजनक’
- 101-200 को ‘मध्यम’
- 201-300 को ‘खराब’
- 301-400 को ‘बहुत खराब’
- 401-500 को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है
पिछले दो दिनों से खराब वायु गुणवत्ता
CPCB डेटा के अनुसार, पिछले दो दिनों यानी सोमवार और मंगलवार को भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रही, जिसमें AQI क्रमशः 231 और 224 था। शहर के विभिन्न हिस्सों में कोहरे की एक हल्की परत ने दृश्यता को कम कर दिया था। सोमवार को अलीपुर में AQI 239, आनंदपुर में 276, अशोक विहार में 254, बावना में 280, बुरारी क्रॉसिंग में 220, सीआरआरआई मथुरा रोड पर 152, DTU में 196, द्वारका सेक्टर 8 में 291, आईटीओ पर 242, लोधी रोड पर 154, मुंडका में 315, नरेला में 240, उत्तर कैंपस में 209, पूसा में 170 और विवेक विहार में 230 रिकॉर्ड किया गया था। इस खराब वायु गुणवत्ता के कारण दिल्लीवासियों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा, और कुछ क्षेत्रों में दृश्यता भी घट गई थी।
दिल्ली में कब- कब वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर रहा
दिल्ली में वायु प्रदूषण कई बार खतरनाक (severe) स्तर तक पहुँच चुका है, जो कि नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 401 से 500 तक को “गंभीर” श्रेणी में रखा जाता है, और इस स्तर पर हवा में घुली प्रदूषक तत्वों के कारण श्वसन संबंधित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं:
1. नवंबर 2016 (दीवाली के बाद)
AQI: 999 (इस स्तर पर AQI को मापने का मानक भी नहीं था)
2016 में दीवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया था कि शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 999 तक पहुँच गया था, जिसे “खतरनाक” माना गया। उस समय हवा में धुंआ, धूल और अन्य प्रदूषक तत्व इतने अधिक थे कि श्वसन समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ फैलने लगीं।
प्रमुख कारण: दीपावली पर पटाखों की बडी मात्रा, साथ ही कृषि अवशेषों को जलाने से होने वाला धुंआ।
2. नवंबर 2019
AQI: 500+ (गंभीर स्तर)
2019 में भी दीपावली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब हो गया था। दिल्ली का AQI कई इलाकों में 500 से ऊपर दर्ज किया गया था, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। यह स्थिति पूरे शहर में स्मॉग और धुंआ फैलने का कारण बनी।
प्रमुख कारण: पटाखों का अत्यधिक उपयोग और पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फसल के अवशेष जलाए जाने से हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ गई थी।
3. नवंबर 2020 (दीवाली के बाद)
AQI: 450-500 के बीच (गंभीर स्तर)
2020 में भी दीपावली के बाद प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुँच गया था। इस दौरान AQI कुछ इलाकों में 500 से भी ऊपर रिकॉर्ड किया गया था। प्रदूषण के कारण स्कूलों को बंद करने, कामकाजी घंटों को घटाने और स्मॉग के कारण दृश्यता में कमी जैसे उपाय किए गए थे।
प्रमुख कारण: हवा की दिशा, कम हवा की गति, और पटाखों के इस्तेमाल के साथ-साथ कृषि अवशेष जलाना मुख्य कारण थे।
4. नवंबर 2021
AQI: 450-490 (गंभीर स्तर)
2021 में भी दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर तक पहुँच गया था। इस बार भी दीवाली के बाद हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बहुत अधिक हो गई थी। स्मॉग और धुंआ की वजह से दिल्लीवासियों को सांस लेने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
प्रमुख कारण: पटाखों का अधिक उपयोग, कृषि जलने के अवशेष, और ठंडी हवाएँ जो प्रदूषकों को स्थिर कर देती हैं।
5. नवंबर 2022
AQI: 400-480 (गंभीर स्तर)
2022 में भी दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर रूप से बढ़ गया था, जिससे सम्पूर्ण दिल्ली को स्मॉग और प्रदूषण से घेर लिया था। इससे कई दिनों तक वायु गुणवत्ता खराब रही।
प्रमुख कारण: इस वर्ष भी फसल अवशेष जलाना, और दीवाली के दौरान पटाखों का अत्यधिक उपयोग प्रदूषण के मुख्य कारण थे।
6. दिसंबर 2022
AQI: 400+ (गंभीर स्तर)
दिसंबर 2022 में भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंचा था, खासतौर पर कोहरे और स्मॉग के कारण। कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर था।
प्रमुख कारण: ठंडी हवाएं, कम वायु गति, और दूसरे शहरों से प्रदूषण का प्रवेश (उत्तर भारत के कई हिस्सों में कृषि जलन के कारण).
प्रदूषण के खतरनाक स्तर के प्रभाव
- स्वास्थ्य पर असर: इस दौरान सांस लेने में कठिनाई, सीने में जलन, आंखों में खुजली, और हृदय संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर बच्चे, पुराने लोग, और श्वसन संबंधित रोगों से ग्रस्त लोग अधिक प्रभावित होते हैं।
- दृश्यता में कमी: प्रदूषण के कारण शहर के कई इलाकों में दृश्यता कम हो जाती है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
- सामान्य जीवन में बाधा: ठंडी और धुंध के साथ प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक बढ़ने पर सामान्य जनजीवन प्रभावित होता है, जैसे ट्रैफिक जाम, स्कूलों की छुट्टी, और बाहरी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना।
उपाय
- स्मॉग टावर और ग्रीन बेल्ट जैसे उपायों को लागू किया गया है।
- प्रदूषण नियंत्रण के लिए पटाखों पर प्रतिबंध और कृषि जलन पर सख्ती से नियम लागू किए जाते हैं।
- फिर से जैविक ईंधन और साफ ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाता है।
